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Showing posts from February, 2020

WAXING

मैं सेकेंड year में थी । नए बैच की फ्रेशर पार्टी आ रही थी । कपड़े तो बहुत थे मेरे पास, लेकिन लग रहा था कि इस पार्टी के लिए कुछ नया चाहिए । 6 लोगों से discuss करने के बाद भी क्या पहनूं ये decide नहीं कर पा रही थी । अब वन पीस पहनूंगी तो पैर और हाथ के एक्सपोज्ड एरिया के hair दिखेंगे। waxing करवानी पड़ेगी, उफ़। खैर, नई ड्रेस लेने लिए मार्केट जाने के लिए मैं कॉलेज के गेट पे खड़े ऑटो में बैठ गई । कॉलेज थोड़ा सिटी के बाहर था, यहां उबर तो आती नहीं, ऑटो का पब्लिक ट्रांसपोर्ट ही सफर का तरीका था । ऑटो थोड़ा कॉलेज से आगे चला ही था, कि सड़क पर चलते एक करीब 13-14 साल के लड़के ने ऑटो को आवाज लगाई । ऑटो वाले ने तुरंत तो रोका नहीं, लेकिन कुछ सोचकर थोडा आगे जाकर उसने break लगा दिए । शायद ये सोचा होगा कि यहां सड़क सुनसान है, कुछ ऑटो या बस आसानी से मिलेगी नहीं, बैठा लेते हैं । ऑटो रुकते ही मैंने पीछे घूम कर देखा, करीब 50 मीटर दूर से ये लड़का अपने साथ एक करीब 10 साल के बच्चे के साथ हंसता हुए भागा चला आ रहा था । दोनों शक्ल से भाई लग रहे थे । बड़े भाई के कपड़े फटे से और ऑयल और ग्रीस के हो रखे थे । दोनों ऑट...

पान खाए मुनिया

एक थी मुनिया । मुनिया दिखने में गजब थी, लेकिन थी यूपी की देसी लौंडिया । उसकी BA ho चुकी थी और तय्यारी चल रही थी । घर में मुनिया की शादी के चर्चे चल रहे थे । एक दिन किसी जगह उसके रिश्ते की बात चली । लड़का था तो केमिकल इंजिनियर, लेकिन काम TCS में कोडिंग का करता था ।  घर वालों ने उसकी और मुनिया की सगाई से पहले मिलने की डेट फिक्स कर दी । डेट वाले दिन मुनिया तय टाइम पर उस पार्क में पहुंच गई । लड़का (नाम लल्लन) 45 मिनट की देरी से पहुंच रहा था । व्हाट्सएप पर लाइव लोकेशन शेयर करके उसने मुनिया को सबूत दिया कि वह ट्रैफिक में फंसा हुआ है, ट्रैफिक की एक फोटो भी भेज दी और साथ में देरी के लिए माफी भी मांग ली । मुनिया पार्क में अकेले बोर हो रही थी । एक पान की दुकान से उसने एक सुपारी पान खरीदा और डाड के नीचे दबा लिया। पानी की पीक थूकी भी नहीं थी कि लल्लन साहब ऑटो से पहुंच गए । दोनों ने हैंडशेक किया, फिर लल्लन साहब ने समय ना गंवाते हुए एक बेंच पर बैठ कर अपने बारे में बताना शुरू किया । उन्हें ये नहीं समझ आ रहा था कि मुनिया कुछ बोल क्यूं नहीं रही, व्हाट्सएप पर तो बहुत बोलती है, हाथ भी अच्छे से मिल...

भैंस की सवारी

एक बार नवाब अपने गांव जा रहे थे । रास्ते में उन्होंने देखा कि कुछ बच्चे मस्त भैंस की पीठ पे मौजी खाते जा रहे थे । नवाब के curious mind में भैंस की सवारी का एक्सपीरियंस लेने की उत्सुकता बनी । गांव पहुंचते ही नवाब ने प्लान बनाया कि बिना किसी को बताए, मिस्टर A के पास जाकर भैंस की सवारी करेंगे । नवाब चप्पल पहने मिस्टर A के घर की तरफ निकल लिए, जो कि 10 मिनट की दूरी पर था । नवाब पहुंच गए । इत्तेफाक से मिस्टर A ने उस वक़्त भैंसो को पानी पीने के लिए खुला छोड़ रखा था । नवाब चुनने लगे कि कौनसी भैंस बेस्ट रहेगी नवाब calculation कर रहे थे कि भैंस के ऊपर चढ़ें तो चढ़ें कैसे । कुछ चढ़ने का support कहीं से मिल जाए तो एक बार ऊपर बैठने के बाद तो balance बन जाएगा । एक बड़े पत्थर के पास नवाब को एक मस्त भैंस घास चरती दिखी । नवाब के दिल से आवाज आई कि 'she's the one'. नवाब ने आव देखा ना ताव और एक पैर उस पत्थर पर रखकर लपककर भैंस के ऊपर छलांग मार दी और अपने आप को स्थिर स्थिति में सीधा बैठा लिया । पहले ही अटेम्प्ट में projectile सीधा टारगेट पे पहुंचाकर नवाब को बहुत खुशी हुई । भैंस भी आराम से पूरा...